सब की जुबान पर एक बात हैं
आज हर नेता बेलगाम है।
दलबदल की दलदल में सब फंसे हुए
गिरगिट को भी आज मात दे रहे।
करते हे हर दिन, गढ़बढ़ घोटाले
रिश्वत को लेकर बनते हे लाले।
खुश होकर कहते हैं
हम निर्दोष हैं.
फिर देखो, मौज मस्ती में मदहोश हैं
हर कोई लगा हैं, पैसे कमाने
पता नहीं किस दिन कुर्सी गवाले
ना वैभव ना इज्जत ना मस्ती रहेगी
हस्ती मिटेगी ना बस्ती रहेगी
तब तो उनको गिरगिराना पड़ेगा
जनता की अदालत में आना पढ़ेगा।
डॉ किरण
आज हर नेता बेलगाम है।
दलबदल की दलदल में सब फंसे हुए
गिरगिट को भी आज मात दे रहे।
करते हे हर दिन, गढ़बढ़ घोटाले
रिश्वत को लेकर बनते हे लाले।
खुश होकर कहते हैं
हम निर्दोष हैं.
फिर देखो, मौज मस्ती में मदहोश हैं
हर कोई लगा हैं, पैसे कमाने
पता नहीं किस दिन कुर्सी गवाले
ना वैभव ना इज्जत ना मस्ती रहेगी
हस्ती मिटेगी ना बस्ती रहेगी
तब तो उनको गिरगिराना पड़ेगा
जनता की अदालत में आना पढ़ेगा।
डॉ किरण