रविवार, 14 फ़रवरी 2010

चेहरा

मुस्कुराह्ते चेहरों पर क्या लिखा हे

पता नहीं उनके दिल में क्या छुपा हे

वक़्त की बेरहमी से वो भी मिले

क्या किया, कैसे किया

न जानने में ही भला हे!

डॉ किरण बाला

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