चलते चलते जीवन में
कुछ ऐसे पल भी आते
भूल चुके सब किसे मसले
आज याद आ जाते।
बेठे बेठे सोच सोच कर
मन फिर कुछ भर आता
कएय्सा किसने किया तभी था
याद आज आ जाता।
समझा लो तुम मन को कितना
फिर भी मन चंचल हे
उस की सोच बदल न सकते
यह ही तो जीवन हे।
डॉ किरण बाला
सोमवार, 9 नवंबर 2009
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