बुधवार, 30 सितंबर 2009

जीता रहे जो भी कही

सुस्ता रहे शमशान में

धुआ उठे बेजान से

हे मंजिले सबकी वही

जीता रहे जो भी कही।

डॉ किरण बाला

मंगलवार, 29 सितंबर 2009

मुड कर पीछे न देखा

यह दुनिया बेवफा


बेरहम दिल हे।


आज उसकी

कल इसकी

इसकी न कोई मंजिल हे।

जिसके तन में हे ताकत

उसने इसको हे जीता

बाकी सब को हरा कर

मुड कर पीछे न देखा।

डॉ किरण बाला

दुःख से होता दुःख

रोने से झड़ते आंसू

हंसने से गिरते फूल

इक तरफ़ खुशी हे

दूसरी और गम की धूल।

खुशी और गम

दोनों ही कम

हमें करना न इस से कुछ

खुशी अगर मिले न

दुःख से होता दुःख।

डॉ किरण बाला

रविवार, 27 सितंबर 2009

ऐसे ही बीतेगी यह जिंदगानी

मन में तरंगो का महल बनाना

तरंगो का यु ही बिखर, बिखर जाना

रह जो गया वो , मन तो नही हे

यही सोचने का द्दंग तो नही हे।

दिल चाहता हे दिल को निकाले

उसे अपने सन्मुख फिजा से बिठा ले

करले कुछ बातें बीती पुरानी

ऐसे ही बीतेगी यह जिंदगानी

डॉ किरण बाला

शनिवार, 26 सितंबर 2009

बेजान सी हे हर गली

न था बुरा इन्सान कोई
न कोई शिकवा गिला
जो चल रहा हे आज तक
वो कल भी रस्ते में मिला।


हे मंजिले सबकी वही
जीता रहे जो भी कही
चारो तरफ़ ही धुंद हे
बेजान सी हे हर गली।


डॉ किरण बाला

दर्द ही दे जाएगा

मायुसीओ के समंदर
तुम भी तो तेराक थे
न जानते गहराई को
उस किनारे चुप खड़े .

वो याद हे जो था कभी कल
फिर भी कल तो आयेगा
बीतने वाला हरेक पल
दर्द ही दे जाएगा .

डॉ किरण बाला

बुधवार, 23 सितंबर 2009

आखिर कर इक सार मिला

बहुत मजबूर हे सब लोग
वो क्या मदद करेगे
मुश्किल बहुत हे जीना
यु ही गुजर करेगे


आंखे फेरी अपनों ने
बातों का ही जाल मिला
भूल भुलायेया इस जीवन की
आखिर कर इक सार मिला .

डॉ किरण बाला

वो मिट सके नही

लाये नही कुछ साथ थे
ले जायेगे न कुछ
खुशीयों को रहे धुन्द्ते
अब आज गए थक

जो मिल सकेगा तुमको
वो लिख दिया कही
कितना भी जोर ढाल लो
वो मिट सके नही

डॉ किरण बाला

मिलती नही फिर कभी

आँखों में सपने सुंदर बहुत हे

जाना हे दूर

पथ बस विकट हे।

कभी वक्त को थे कोसते

कभी बात अपने तक रही

थी वो घड़ी जो बीतती

मिलती नही फिर

डॉ किरण बाला

कौन दिन न हम रहे

अंत कब हे आ रहा

कौन आज जानता।

जीव की हे कल्पना

वक्त ही पहचानता।

आज हम हे जी रहे

कल की कुछ ख़बर नही

गिर रहे हे काफिले

कौन दिन न हम रहे।

डॉ किरण बाला

मंगलवार, 22 सितंबर 2009

जो बीतता वो खो दिया

पगडंडियो में घूमते

हम रास्ते थे दूंदते

कितना सफर मिलना अभी

न सोचते

न बोलते।

चलते रहे-चलते रहे

बस यह हमारा अशर हे

रुक गया वो खो गया

यह बात बिल्कुल सच हे।

न सोचना की यह किया

बस कर दिया-बस कर दिया।

इस सोच में थे खो गए

जो बीतता वो खो दिया।

डॉ किरण बाला

परमेश्वर से दो बातें

हे परमेश्वर
सदा तुम्हारा ही
होता मन भाया।

मेने वही किया हे
मुझसे जो तुमने करवाया।

तुमने माली मुझे बना कर
भेजा इस उपवन में
में तो बरसा बादल बन कर
उपवन के कण कण में।

डॉ किरण बाला

वक्त गुजर गया

मुश्किलों के रास्ते

संगीन होते जा रहे

खो गए हम भूल कर सब

दूंद नही प् रहे।

बंदिशों का सिलसिला

यु शुरू हुआ

राह न मिली

वक्त गुजर गया।

डॉ किरण बाला

बीती कहानी कह ही दी

हम आज हे कल न रहे


बस बात ही तो बात थी


ऐसी कहानी हर तरफ़


हर युग में बीते साथ थी।



यह भूमिका जो मिल गयी


हमको निभानी हे पड़ी


कभी सोच कर, kabhee ponch kar


beetee kahani


keh hee dee।



dr Kiran bala

वक्त बस रुक गया

चाह कर भी पग उठाया नही

गबरा रहे बहुत

कुछ पाया नही।

चल रहा हर कोई

खवाबो को दूंदता

हम तो सोचते रहे

वक्त बस रुक गया।

डॉ किरण बाला

उसको तो इक दिन जाना हे

सुंदर हे मन

उज्वल हे तन

चिंता का कोई

बहाना न।

काया जो मिली

इश्वर की बनी

उसको तो इक दिन

जाना हे।

डॉ किरण बाला

रविवार, 20 सितंबर 2009

अपना ही अफसाना हे

मतलब हे ख़ुद से
ख़ुद का
ख़ुद से रहेगा।

जिन्दगी बीत जाने पर
कुछ न बचेगा।

यह चंद दिन का आशिआना हे
यहाँ आकर
सभी को जाना हे।

करो अच्छा
या फिर बुरा
दोनों का
अपना ही अफसाना हे।

डॉ किरण बाला

नामुमकिन नही

कुछ पा लेना
मुश्किल तो हे।

नामुमकिन न
banane दो।

जहाँ आज तक
पहुँच गए हो
आगे जाने की सोचो।


जीत तुम्हारी इक दिन होगी
तब तुम खुश हो जायोगे
भूल सकोगे बीती बातें
विजय वीर कहलओय्गे .

डॉ किरण बाला


शनिवार, 19 सितंबर 2009

कभी आंसू बहा लेते

'कभी आंसू बहा लेते'

स्वपन लेते ही रहते हम
न पूरे वो सदा होते
अधुरा छोड़ कर हमको
इक दिन दगा देते।

हमारे मन में रहता हे
की हम भी तो मगर कुछ हे
इनी बातों के सायं में
कभी आंसू बहा लेते।

डॉ किरण बाला

गर्व का अंकुर

'गर्व का अंकुर'

पतन होने से पहले,

गर्व का अंकुर उपजता हे।

न जिसका हे पता चलता

यह ऐसा काम बनता हे।

यही अंकुर का अब तक

बन चुका इक फूल सा मन में

himaakat ke taraju में

wo humko hee kuchalta he.

डॉ किरण बाला

खयालो की दुनिया मुश्किल मुकाम!

'खयालो की दुनिया मुश्किल मुकाम!'

जिंदगी में हम लड़खडाने lagee
चल रहे थे साथ
अब घबराने लगे।

वक्त यु ही गुजरता गया
लगता हे जैसे सब रुक गया।

किस्मत का पन्ना पलटता नही
सोचा हुआ काम बनता नही।
खयालो की दुनिया मुश्किल मुकाम।

डॉ किरण बाला

शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

अभी सोच कर लो तुम भी

'अभी सोच कर लो तुम भी'

बदल सको गर इस दुनिया को
तो raaja kehlaaoge
सब की सुन कर
apnee कर के
आगे आगे जायोगे।

केवल सोचो ओरो की ही
तो पीछे रह जायोगे
जीवन की इस भाग दोड़ में
बेवकूफ कहलाओगे

दिल की बातें
कोई न समझे
सब कोई बेगाना हे।

जीवन तो शतरंज बाज हे
जीत हार का गाना हे।

इतनी तेजी से सब बदले
भाग दोड़ कर लो तुम भी
नही तो हाथ मलोगे पीछे
अभी सोच कर लो तुम भी!

डॉ किरण बाला

बेफिक्रे

'बेफिक्रे'

आने की न जल्दी

न थी जाने की जल्दी।

बीते हुए पलो को

भुलाने की न जल्दी।

डॉ किरण बाला

दिल की आवाज

'दिल की आवाज'

कुछ बातें ऐसी होती,
जिनका मिलता नही जवाब।

बहुत सोच कर और समझ कर
अपने को पाते लाचार।

तभी कही से आ जाती
दिल के रस्ते वो आवाज।

जो कर देती
धीरे से
बिगडा हुआ हमारा काम।

डॉ किरण बाला

हम कहाँ और दिल कहाँ

'हम कहाँ और दिल कहाँ'

बहुत छोटी बात थी
न सुबह, न रात थी।

दर्द की भीनी चुभन
बस हमारे पास थी।

रोशनी को दूर देखा
धुंद का था कुछ चलन।

कुछ समझ न आ रहा था
हम कहाँ और दिल कहाँ।

डॉ किरण बाला

माया जाल

'माया जाल'

जनम कई लिए हमने
मन तो वोही पुराना हे।

इस चोले से उस चोले तक
चलते हमने जाना हे।

इसी बात को याद जो करते
माया के न जाल फंसे
इस दुनिया में रहते रहते
फिर भी उसको याद करे।

करम काल हे मुश्किल इतना
फल की इच्छा प्रबल रहे
कितना भी चाहो न फँसना
फिर भी बंधन साथ रहे।

डॉ किरण बाला

नयी राहे

'नयी राहे'

नयी राह पर पग रखते ही
मिली निराशा भारी
दिल की धरकन रुक सी गयी
जब पाई लाचारी।

अपने को तो समझे हम थे
माहिर बहुत पुराने
सब से आगे आगे रह कर
बने थे बहुत सयाने।

कौन कहा दे जाए धोखा
किस किस को पहचाने
हर पग रखने में डरते हे
दुनिया को न जाने।

इसी समय यह हालत अपनी
क्यो कैसे सुधरेगी
पता नही कल कैसा होगा
कैसे बात बनेगी।

डॉ किरण बाला

गुरुवार, 17 सितंबर 2009

कुछ करने को मन आया

' कुछ करने को मन आया'

देख उड़ान पंक्षी की

हमें होंसला कुछ आया

नीरसता ने छोड़ा साथ

कुछ करने को मन आया।

डॉ किरण बाला

जिसका हिसाब नही

'जिसका हिसाब नही'

दुश्मन करे दुश्मनी

तो क्या हुआ

टूट जाता हे दिल

जब अपनों ने

दगा दिया।

वक्त तो किसी का

मोहताज नही

बीतेगा हर पल

जिसका हिसाब नही।

डॉ किरण बाला

रेतिरेमेंट

'रेतिरेमेंट'

दशक चार तक

सेवा रत थे

तन और मन से काम किया

कभी न सोचा कल क्या होगा

यु ख़ुद को नाकाम किया।

आज कमर कस शुरू हो जाओ

कल की बात पुरानी हे

आगे भी म्हणत करनी हे

यह दुनिया आणि जानी हे।

डॉ किरण बाला

वही अब कर लो

'वही अब कर लो'

चलते चलते उसी राह पर

उबा मन।

करते करते वही हरेक दिन

टुटा तन।

सहसा ऐसा लगा

राह को बदले हम

अब तक जो करते आए

कुछ समझे हम।

दिशा हीन से

बदली राहे अच्छी हे

जो भाये इस मन को

वही अब कर लो।

डॉ किरण बाला

बुधवार, 16 सितंबर 2009

कामयाबी पर तुम्हारा नाम हे

'कामयाबी पर तुम्हारा नाम हे'

वक्त करने को तुम्हारे पास हे
रोशनी का भी अभी आभास हे
कर बुलंदी होंस्लो को पार कर
कामयाबी पर तुम्हारा नाम हे।

डॉ किरण बाला

क्यो खो गए

'क्यो खो गए'

हम रहे किश्ती में बेठे देखते
दूसरे फूलो को साथ ले गए
हे तमाशा हो रहा हर और अब
आज हम कल के लिए
क्यो खो गए।
डॉ किरण बाला

मंगलवार, 15 सितंबर 2009

जो मिला एहसान तब

'जो मिला एहसान तब '

आज तक पढ़ते रहे
जो पुस्तकों को कर सलाम
सोचते न हे कभी भी
मिल सका क्यों यह मुकाम।

दूसरो ने आज तक
दी हमें कुछ रोशनी
क्यो न हम अब यु चुकाए
जो मिला एहसान तब।

डॉ किरण बाला

हिदायत

'हिदायत'

जीवन इक जलता चिराग हे

बुझने को हरदम बेताब हे

छोटे छोटे गम को भूलो

खुशी-खुशी हर पल को जी लों।

डॉ किरण बाला

न लाचारी न बीमारी

'न लाचारी न बीमारी '

प्यारे अपने छोटे बच्चे
सबको अच्छे लगते
दिल करता हे चूम ले उनको
बहुत ही प्यारे लगते ।

मुश्किल कितनी भी सह लेते
उन पर आंच न आने देते .

लेकिन इसका मतलब यह न
वो भी करेगे तुम को प्यार
क्षीण हुई इस काया का
कभी करेगे वो भी ख़याल ।

शक्ती का जब संग न होगा
प्यार भरी इस दुनिया में
क्या वो तुमको दे पायेगे
जो सब तुमने उनको दिया

इसी लिए कहते हे हम सब
छोटा जीवन चलती काया ।

भूले बिसरे कल के फिकरे
न लाचारी न बीमारी .

डॉ किरण बाला

समझो और पार पायो

'समझो और पार पायो'

dunea हे खेल ऐसा
समझो तो पार पायो
गर न मिला हे कुछ भी
तो भूल भूल जायो।


duniya नही तमाशा
जिसका मजा उठाओ
यह हे नही जुआ भी
जिसमे कही लुटाओ।
यह हे नही कलि
जिसको फूल बनाओ।

यह तो हे इक खुदगर्जी
समझ बूझ कर अपनाओ
duniya हे बहुरुपीआ
जिसको समझो और पार पायो।

डॉ किरण बाला

दूरियों से दूर क्यो

'दूरियों से दूर क्यो'

गिर रहे हे फूल सब
अब कही से टूट कर
देख लेते हे सभी को
आंसुओ को लूट कर।

कुछ नही हे पास तो भी
हे कही 'गरूर' तो
फान्सलो को पार करके
दूरीयो से दूर क्यो .

डॉ किरण बाला

आज का ख्याल

'आज का ख्याल'

पतझर आती देख कर
बदल समय के साथ
नही तो मिलता तुमेह
हर दम वक्त उदास !

डॉ किरण बाला

बुधवार, 9 सितंबर 2009

PASS IT ON!

PASS IT ON!

Troubled mind
wounded soul
sitting alone in deserted Mall.

comes a friend to talk alive
Give some help
and brings smile

Realize then
what a friend is all
Takes you shore
When the LIFE IS BORE!

It is the time
to pass it on
help someone
who deserves the call!

Dr Kiran Bala

JUST FORGET!

JUST FORGET!

It is new life
not the same
When you retire
donot lose the way

Think positive
and move ahead
live in the present
and forget the rest!

Dr Kiran Bala

मंगलवार, 8 सितंबर 2009

यही व्यथा हे! यही व्यथा हे!

यही व्यथा हे! यही व्यथा हे!

सबसे बड़ी बात दुनिया में
व्यस्त रहो तो मौज करो।

खाली वक्त बिताने को
दुआ करो तुम न तरसो।

शून्य शहद की बूँद सा लगता
कुछ करने को मन हे करता
लेकिन सब कुछ
दूर पड़ा हे।
यही व्यथा हे, yahi vyatha he।

dr Kiran bala

खुशियो भरी यह हो अपनी कहानी

'खुशीयो bharee yeh ho apnee kahaanee '

इश्वर जब दूसरी दुनिया बनाओ
धरती से बेकारी, बीमारी उडाओ।

खुश कर दो
हर इंसान की जिंदगी को
और दुःख दर्द का
नामोनिशान मिटाओ।

न हो जीवन भर
अस्पतालों के चक्कर
न ही मिलेगे
बुदापे के थ्पद।

धोद्दे से दिन की रहे जिंदगानी
खुशियो भरी यह हो अपनी कहानी।

डॉ किरण बाला

सोमवार, 7 सितंबर 2009

चुप चाप

चुप चाप



रात के अंधेरे में

मद्धम रौशनी की लो

धड़कते दिल को

क्या सिला देती हे।



कुछ अनकहे सवालो को

मासूम सी हरकतों से

दिल की गह्रैओ को छू कर

पन्हा देती हे।



हम चुप चाप

चल देते हे

मुकाम की और

भीगी पलकों के सहारे।



डॉ किरण बाला

यह ही तो जीवन हे

'यह ही तो जीवन हे'

चलते चलते जीवन में
कुछ एइसे पल भी आते
भूल चुके सब किस्से मसले
आज याद आ जाते।

बेठे बेठे सोच सोच कर
मन फिर कुछ ghabrata
kaisa kisne kiya tabhee tha
yaad aj aa jata.

lakh samaj lo ya samjha lo
phir bhee man chanchal he
uskee soch badal na sakte
yeh hee to jeevan he.

Dr Kiran bala

दो रास्ते

'दो रास्ते'

दो राहों पर खड़े हुय
हम सोचे किधर जाए

अपने प्यारे सपनो को
कैसे सफल बनाये

अकस्मात कोई आकर हमको
थोरा राह देखाए
मुश्किल को आसान बना कर
हमसे हाथ मिलाये।

डॉ किरण बाला

यह लोग

'यह लोग'

चलते नही अगर
चला देते हे लोग

झुकते नही अगर
झुका देते हे लोग

गर ख़ुद खुदाई का
इरादा नही रखते
कुछ न कुछ करके
दिखा देते हे लोग

कोई क्या कहेगा
यह सोचते रहे हम
तो प्रगति का रास्ता
भुला देते हे लोग।

डॉ किरण बाला

ढोंगी

'ढोंगी'

धर्म का ढोंग
करते यह लोग।

मन kee स्याही को छुपा कर
बनते सफ़ेद पोश।

कलयुग में हे
इनका बोल बाला

भोले भाले लोगो को
दिखाते रूप निराला।

इतना vebhav और धन हे इनके पास
अच्छे अच्छो का करते मन निराश।

डॉ किरण बाला

रोने से झरते आंसू

रोने से झर्रते आंसू
हंसने से झर्रते फूल ।
एक तरफ़ खुशी हे
दूसरी तरफ़ गम की धूल।

डॉ किरण बाला

रविवार, 6 सितंबर 2009

AFTER A FIGHT!

'AFTER A FIGHT'

Fights never stopped
Hearts never broke
Thousands of arguments peep
Still love is not bleak!

Dr Kiran bala

smile

'Smile'

Fat tummy
crooked nose
showing emotions
teeth closed.
Smile a while!

Dr kiran bala

कल की और

'कल की और '

ढूंढ रहे हे हम उसको
जो पता नही खो गया कही।

यादों की भीनी खुशबु
आज यहाँ कब आ जाए।

सोच रहे हे कैसे चलना
मंजिलं को पाने की और।

भूले बिसरे मन के मोती
संभल गए अब कल की और

डॉ किरण बाला

SCRIPT OF LIFE

'SCRIPT OF LIFE'

Script of life
is covered with glare.
bring some joy with
love and care.


Little move forward
dream a while
feel uneasy
when life does not smile.


everything is beautiful
all around
need some solitude
love not found!

We come together
and feel each other
make some stories
and just wither!

Dr Kiran Bala

शुक्रवार, 4 सितंबर 2009

DEVIL IS RULING AND GETTING ALL PRIDE!

'DEVIL IS RULING AND GETTING ALL PRIDE'

There is hatred all around
MIGHT is ruling, poor spellbound!

There is the game of HATE! HATE! HATE!
No one can live, and sleep till late.

World is divided between East and West
OSAMA is at large and OBAMA has a bet!

Who will win, time decides
Will of GOD will bring the right!

Poor will die, and die everyday
many will be made to live in DECAY.

Wisdom of peace is not around
hand full of 'wise men' are not found.

'Voices of people' is magnified
Misery of poor is all denied.

LOVE and hope, is leaving the mind
Devil is ruling and getting all pride!

Dr Kiran Bala

live the life which went away

'live the life which went away'

Look at the baby
as he plays.
Love you all
in a cheerful way.

You are tired
But he stimulates.
Bring some life
in a withered day.

Ignite the flame of tommorow today
Make your time and body sway.

You are swinging and dancing with him
He is smiling in a witty way.


Thank God!
HE made new life
Gives you kiss and some pride!

Stands alone on his feet
Give you a run
And difficult breathe.

You grow young
while playing with kids
relax your nerves
and mind upswings!


Forget the aches and pains of bones
Brighten the sheen in the eyes alone

Fragrance of air brighten you today
things of past leave your day.

You get up fresh and young everyday
Live the life which went away.

Dr Kiran bala

गुरुवार, 3 सितंबर 2009

Heart burn!

'Heart Burn'

"Mom you are wrong!"
came the voice.
Broke her heart
and gave pain lots.

No one is affected
everyone is quite!

Icy floor is slippery
And the child is right!

He has present
and you are now past.

Time will come
when things don't last.

Dwelled in the nest
of love and care
flew out fast
without despair.

Mom and pop
have inquistive eyes
want kids back home
with all pride.

But that is not how
life take it's turns
There is 'unique hue'
And 'Heart burn!'

Dr Kiran Bala

TOW ME AWAY

'TOW ME AWAY'

Sitting alone
one oldman there,
looks around
and feels very scared!

A car is parked
few feet away,
enjoying the cold breeze
his own way.

He is old,
but dressed well in a suit and tie.
Hair well combed
And shoes are just right.

Dark glasses are
hiding the glaring eyes.
Enjoying the looks of passer's by.

Sounds of vehicles
are breaking the thoughts.
Life once gone,
has left burnt thorns.

He is feeling the pricks
still fresh.
Remembering his youth
and best of past.

Dimness of light,
and slack old nerves.
Make him jittery,
And full of dearth.

He feels helpless,
And withered Rose.
Wait for every one
smartness gone.

Here comes his son
with loads of stuff
Yells at dad!
And tell hard words.

Why are you sitting
outside dad?
Someone would have towed the car.
(the car was parked in no parking zone)

Old man became alert
seathed with excitement.
oblivious of the surroundings, he said
Oh! Son it was hot so I sat outside

My old body is not able to take care of myself
then how about the car.
Praying to God he said, "Please tow me away to heaven! I will be happy!"

Dr Kiran Bala

बुधवार, 2 सितंबर 2009

अभी बाकी हे

'अभी बाकी हे'

यु तो हम कुछ भी नही
लेकिन करने की
कसक अभी बाकि हे।

मंजिलो को छूना
मुमकिन नही
हौंसलों की ताकत बाकी हे।

'तकदीर' और 'तासीर ' की
पहेलियों से परे
'वजूद' की ताकत
बाकी हे .

आज हसरत के किनारे
बसेरा हुआ .
आशा की किरण
अभी बाकी हे .
डॉ किरण बाला

साथ-साथ चलते रहे

'साथ -साथ चलते रहे'

दिल की बातों ने
खंजर सा जहर क्या दिया
लहुलुहान हुए
दर्द पी लिया ।

आंख से आंसू
उमड़ते चले
खयालो की गरमाई ने सुकून दिया।

डगमगाते कदमो की आहट पाकर
मन को यु ही काबू कर लिया।

सिरकटे रिश्ते जब मिले
नाजुक हाथो में थाम लिया

भुल्भुलायेओ के सुहाने सफर में
निकले जो थे
न वो मिले
न हुम झुके
साथ -साथ चलते रहे।
डॉ किरण बाला

Till we are chasing

'Till we are chasing!'

We are defeated
till we chase.
We are in pain
and all in vain!

Things run far away,
out of sight.
Bring desire
But no gain.


You admire
you admit.
You are the same
It's just a mind game.

Dr Kiran Bala

इंसान केवल ४० वर्ष तक जीए तो कैसा होए!

'इंसान केवल ४० वर्ष तक जीए तो कैसा होय '

शायद सास -बहु की लड़ैया न होती
न होता घुटनों को बदलवाने का ऑपरेशन
न होती टेंशन बाल काले करने की।

दातों के डॉक्टर के जबड़े न बिकते
प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत कम होती
न बिकते बहुत हेअरिंग ऐड्स।

केमिस्ट की दुकानों में
टोनिक कम दीखते
न होती ज्यादा वाकर और स्तिच्क्स की सेल।

कही बच्चो को कहानिया सुनाने वाली नानी न होती
न होते प्यार करने वाले दादा -दादी।

जरा सोचो शादियो की बारात में कोई वाकर के सहारे न चलता
और पैर छू -छू कर आशीर्वाद लेने का सिलसिला भी कुछ ढलता।

कोई चिरंजीव होने की दुआ न देता।
और बुदापे के झंझटो से किनारा हो जाता।

माबाप बुडे होने के दर्द से बच जाते।
और बेरहम बच्चो के चर्चे कम होते।
यह जीवन कितना सुंदर होता!
हम सब जवान होते और बेरहम बुदापे से न खफा होते।
डॉ किरण बाला