वही तन गर्व था जिस पर
धोखा दे ही जाता हे
हमें आश्रित बना कर यु
गलानी सी कराता हे।
सभी ने फेर ली आंखे
न सुन सकते वो यह गाथा
न तन में जान हे ज्यादा
न मन में शान्ति का मंजर
ह्दय शिकवो से हे भरा
मगर एहसान हे ज्यादा।
डॉ किरण बाला
I have written poems from published hindi poetry book titled 'dil ke batein'. I am a pediatrician and a published writer and poet.Presenting my views to others is my hobby.
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