मुस्कुराहटो को जब याद किया
मन की शिकन दूर हुयी
चेहरा खिल सा गया।
खिल खिलखिलती मस्तीयो में,
चहकती पंक्तियो में,
बहुत से चेहरे मुस्कुराए
कुछ बाते करते- करते
बीते पल फिर याद आए।
डॉ किरण बाला
गुरुवार, 15 अक्टूबर 2009
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