रविवार, 23 अगस्त 2009

स्वपन की बात 30

'स्वपन की बात'
दूर तार की घंटी बजती,
दिल कुछ डरने लगता ।
सोच-सोच कर स्वपन raat का,
धक्-धक् करने लगता।

ho na ho, ab mila

6 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लागिंग जगत में आपका स्वागत है।

    जवाब देंहटाएं
  2. कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
    लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।
    इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !

    तरीका :-
    डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स

    जवाब देंहटाएं
  3. khab dekiye din main.
    un sapanon ko auron
    se jodiye
    dekiye tab kya hota hai.

    जवाब देंहटाएं
  4. जीवन तो एक स्वप्न है और स्वप्न की बात।
    नहीं स्वप्न हो शेष गर जीवन काली रात।।

    टिप्पणीकर्त्ताओं की आसानी के लिए वर्डवेरीफिकेशन हँटाने का उपाय करें।

    जवाब देंहटाएं