भाव
मुस्कुराते चहेरे के पीछे
क्या छिपा हे
तेरी बातों में क्या
गिला हे
जब खोलोगे जुबान
तोही पता लगेगा
यू तो सब ठीक ही लगता हे
किरण बाला
सोमवार, 3 अगस्त 2009
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I have written poems from published hindi poetry book titled 'dil ke batein'. I am a pediatrician and a published writer and poet.Presenting my views to others is my hobby.
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