'पते की बात '
धन अर्जित एइसा करो
कभी घटे न खोय।
kitnee भी आंधी उडे,
बल न बांका होय।
अच्छा करो व्यापार तुम
मन मैला न होय।
सोयो निद्रा चेन की,
कछु चिंता न होय ।
डॉ किरण बाला
शुक्रवार, 28 अगस्त 2009
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I have written poems from published hindi poetry book titled 'dil ke batein'. I am a pediatrician and a published writer and poet.Presenting my views to others is my hobby.
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