मंगलवार, 18 अगस्त 2009

चुप रहना जरा मुश्किल हे

बोलते लोगो के बीच
"चुप रहना जरा मुश्किल हे "

चेह -चहाते मौहोले में
कुछ ना कहना जरा मुश्किल हे

जब सब कहते हे
अपनी-अपनी कहानी

तो दिल करता हे कहने को
बीती जिंदगानी

क्यो ना बोलने की दोड़ में
कुछ भी आगे बड़े

दिल में कुछ ना रख कर
जो मन में आए सबसे कहे।

डॉ किरण बाला

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