सोमवार, 31 अगस्त 2009

कल क्या हुआ

'कल क्या हुआ '

कल क्या हुआ
उस का हिसाब नही
आने वाले पलो का
जवाब नही।

जो आज हो रहा हे
उसे समझ न सके
कुछ पा लेने का इंतजार नही।

बुलंद सपनो के
बीच गुजर करे
कैसे करे बसर
कुछ मुख्त्यार नही।


डॉ किरण बाला

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