'भवसागर में'
भवसागर में
बिना नाव के,
कूद पड़े हम साहस से ।
क्या होगा,
कल पता नही हे,
सोच रहे अब सर धुन के ।
वक्त साथ रहता न सबके।
देखो कल ,
क्या होता हे ।
मिले सफलता का चेहरा,
या mausi का लेखा हे ।
डॉ किरण बाला
शुक्रवार, 28 अगस्त 2009
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