गुरुवार, 20 अगस्त 2009

मन करता हे 53

"मन करता हे"

मन करता हे
उड़ते-उड़ते
स्वर्ग पहुच जाऊ।

रोज-रोज के झंझट तन्तो
से छुटकारा पायु।


हर दिन एक तरह की बातें
करते-करते
उकता मन।


नया नवेला कुछ पाने को
उठती एक उमंग।


इतना पता नही हे हमको
कल क्या होने वाला हे।

फिर भी दिल का मीत बताये
ताला खुलने वाला हे।

डॉ किरण बाला

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