नकाब पहने
बहुत दिन रहे
आज असली रूप सामने आ ही गया
आखों में नफरत
बातो में गफलत
सर में गुबार
ऊपर से प्यार
ममता की डोरी
कट हे गयी
किरण बाला
गुरुवार, 30 जुलाई 2009
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I have written poems from published hindi poetry book titled 'dil ke batein'. I am a pediatrician and a published writer and poet.Presenting my views to others is my hobby.
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