मंगलवार, 29 सितंबर 2009

मुड कर पीछे न देखा

यह दुनिया बेवफा


बेरहम दिल हे।


आज उसकी

कल इसकी

इसकी न कोई मंजिल हे।

जिसके तन में हे ताकत

उसने इसको हे जीता

बाकी सब को हरा कर

मुड कर पीछे न देखा।

डॉ किरण बाला

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