सोमवार, 7 सितंबर 2009

दो रास्ते

'दो रास्ते'

दो राहों पर खड़े हुय
हम सोचे किधर जाए

अपने प्यारे सपनो को
कैसे सफल बनाये

अकस्मात कोई आकर हमको
थोरा राह देखाए
मुश्किल को आसान बना कर
हमसे हाथ मिलाये।

डॉ किरण बाला

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