शनिवार, 19 सितंबर 2009

खयालो की दुनिया मुश्किल मुकाम!

'खयालो की दुनिया मुश्किल मुकाम!'

जिंदगी में हम लड़खडाने lagee
चल रहे थे साथ
अब घबराने लगे।

वक्त यु ही गुजरता गया
लगता हे जैसे सब रुक गया।

किस्मत का पन्ना पलटता नही
सोचा हुआ काम बनता नही।
खयालो की दुनिया मुश्किल मुकाम।

डॉ किरण बाला

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