अंत कब हे आ रहा
कौन आज जानता।
जीव की हे कल्पना
वक्त ही पहचानता।
आज हम हे जी रहे
कल की कुछ ख़बर नही
गिर रहे हे काफिले
कौन दिन न हम रहे।
डॉ किरण बाला
I have written poems from published hindi poetry book titled 'dil ke batein'. I am a pediatrician and a published writer and poet.Presenting my views to others is my hobby.
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