'कभी आंसू बहा लेते'
स्वपन लेते ही रहते हम
न पूरे वो सदा होते
अधुरा छोड़ कर हमको
इक दिन दगा देते।
हमारे मन में रहता हे
की हम भी तो मगर कुछ हे
इनी बातों के सायं में
कभी आंसू बहा लेते।
डॉ किरण बाला
शनिवार, 19 सितंबर 2009
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