बहुत मजबूर हे सब लोग
वो क्या मदद करेगे
मुश्किल बहुत हे जीना
यु ही गुजर करेगे
आंखे फेरी अपनों ने
बातों का ही जाल मिला
भूल भुलायेया इस जीवन की
आखिर कर इक सार मिला .
डॉ किरण बाला
बुधवार, 23 सितंबर 2009
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