बुधवार, 16 सितंबर 2009

क्यो खो गए

'क्यो खो गए'

हम रहे किश्ती में बेठे देखते
दूसरे फूलो को साथ ले गए
हे तमाशा हो रहा हर और अब
आज हम कल के लिए
क्यो खो गए।
डॉ किरण बाला

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