गुरुवार, 17 सितंबर 2009

रेतिरेमेंट

'रेतिरेमेंट'

दशक चार तक

सेवा रत थे

तन और मन से काम किया

कभी न सोचा कल क्या होगा

यु ख़ुद को नाकाम किया।

आज कमर कस शुरू हो जाओ

कल की बात पुरानी हे

आगे भी म्हणत करनी हे

यह दुनिया आणि जानी हे।

डॉ किरण बाला

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