रविवार, 26 जुलाई 2009

बदली राहे 51

"बदली राहे"

एक राह पर चलते -चलते,
मोड़ सामने आया।

हमने कुछ घबरा कर,
पग पीछे सरकाया।

पता नही थी
यह लाचारी
या मजबूरी उस दिन
सोच -सोच कर , इसी बात को
मन अब कुछ मुरझाया।

डॉ किरण बाला

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