पति से विवाद 25
कुछ तुमने कही ,
कुछ हमने कही
बातो में बात , बिगर्र सी गई
यूं एसा लगने लगता हे
श्ब्दोह की ल्र्री कुछ उलजः गई
इतना तो मधुर संवाद न था
जो दूरी का सामान बने
सुंदर इस छोटी बगिया में
छुट- पुट भी काउ अंगार बने
जीवन के पथ पर चलना हे
तोह संग- संग ही साथ रहे
जो बीत गया , वो भूल चुके
आगे की बातें याद रहे
डॉ किरण बाला
शुक्रवार, 17 जुलाई 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें