'हँसते-हँसते रो दिए'
हँसते हँसते, हम अचानक रो दिए,
हम तो खुश थे, हर तारे से
रास्ते भी खो दिए।
चलते चलते रुक गया कुछ थम गया सब
सोचते ही रह गए
की, क्या हुआ अब
यह नही की, हम कही कमजोर थे
फिर भी हम, उस नज़र से और थे।
डॉ किरण बाला
शुक्रवार, 17 जुलाई 2009
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