शनिवार, 25 जुलाई 2009

गुजरा वक्त 42

"गुजरा वक्त"

वक्त तो यूं ही चलता रहेगा,
कल जो था आया,
वो आगे बडेगा।

कुछ रास्ते कट जब गए,
आँख खुली कुछ ना बचा।

खाली था हाथ,
कोई ना साथ,
मन था उदास,
प्यार की प्यास

बस अब बचा था
जीवन किनारा।

कोई ना पास
अपना सहारा।

ये तो कहानी
चलती रहेगी।

कुछ आ रहे हे
कुछ जा रहे हे
यह जिंदगानी चलती रहेगी।

डॉ किरण बाला

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