शनिवार, 25 जुलाई 2009

बीते कल की सुंदर यादें 38

"बीते कल की सुंदर यादें"

कल की यादें,
इक परछाई,
साथ -साथ चलती हे।

जाए कितना दूर कही भी
पास -पास रहती हे।

समझ सके ना,
कल जो बीता,
सुंदर सपना वोह था।

फिर से मिल जाए वोह अपना
यह क्यो फिर सोचा था।

बीते पल की झलक मिली जब
हम तब भटक गए थे।

भूल गए थे बीती बातें
सपनो में खोये थे।

डॉ किरण बाला

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