'तन और मन'
तन की सुन्दरता मनमोहक
मन तो वोही पुराना हे।
मैला सा, धुंधला सा प्रतिबिम्ब
वोह तो हुआ बेगाना हे।
माट्टी में, जो मिल जाना हे
उसको हम सहलाते हे
कब तक रहना , इस नगरी में
भूल -भूल हम जाते हे .
डॉ किरण बाला
शुक्रवार, 17 जुलाई 2009
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