'समय'
समय का चक्र गोल हे
यह तो बहुत अनमोल हे
ना व्यर्थ तुम इसे करो
यह हर किसी का 'पोल' हे।
जहाँ खड़े हो देख कर
सभी तरफ़ समेत कर
कभी ना भूलना, ये बात,
यह हर 'समय' का खेल हे।
बहुत से पोश्दार थे,
कभी वोह रोबदार थे,
चला जो चक्र वक्त का,
खड़े पीछे कतार से।
डॉ किरण बाला
बुधवार, 22 जुलाई 2009
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